Saturday, September 19, 2015

जूनून और जज्बा

हमारे भारतवर्ष में लोगों का क्रिकेट के प्रति जो जूनून और जज्बा है वही देश में सभी मोर्चों पर भी नजर आये तो देश का कायाकल्प हो जायेगा. क्रिकेट के खेल में एक यह खूबी तो है ही की वह पूरे देश को एक कर देता है , एक अच्छे नागरिक में देश के प्रति जो भावना होती है वह भावना क्रिकेट के देखने के छड़ों में अद्भुत और अतुलनीय हो जाती है , राष्ट्रपति से लेकर चपरासी तक, प्रधानमंत्री से लेकर वार्ड मेंबर तक , उद्योगपति से मजदूर तक, बुजुर्गों से बच्चों तक ने अपने देश में क्रिकेट के प्रति ऐसा सकारात्मक परिवेश रच दिया है की जिसकी जरुरत केवल क्रिकेट या क्रिकेटरों को नहीं बल्कि पूरे देश को है . समाज में शोषण और भ्रस्टाचार के खिलाफ ऐसी ही एकता क्यों नहीं दिखती , जो भावना क्रिकेट के प्रति दिखती है वही भावना देश के प्रति अगर बरक़रार रहे तो फिर हमारे देश को अखिल विश्व में सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता है. क्रिकेट की सेवा भी एक तरह से देश सेवा है लेकिन ऐसी सेवा भावना का विस्तार होना चाहिए, खेल में जीत हार अपनी जगह है लेकिन खेल में जो सकारात्मक भावना निर्मित होती है वो भावना बनी रहनी चाहिए , हमारे राष्ट्र वासियों को आज बेशक प्रतिद्वंदियों से दो - दो हाथ करने के लिए , अपनी तमाम समस्याओं को धुल चटाने के लिए ऐसा ही सकारात्मक  जूनून और जज्बा चाहिए , शासक से शासित तक, गरीब से अमीर तक , नेता से अभिनेता तक सभी के वही जूनून और जज्बा बना रहना चाहिए जो क्रिकेट देखते वक्त हमारे राष्ट्रवासियों में दिखाई पड़ता है.परिस्थिति चाहे जितनी विषम क्यों न हो हमें अपने इसी तरह के जूनून और जज्बे को हमें बरकरार रखना होगा होगा तभी ये देश और धर्मं तथा मानवता के विकास के कदम - कदम पर हमारे काम आएगा , वर्ग भेद और जातिभेद से परे जो सिर्फ राष्ट्र हित के लिए जो समर्पित एकता हो, आज उसी एकता, जूनून और जज्बे को देश की जरुरत है ....जय हिंद ...जय भारत ..